तुम्हारे पैरों के आलते का धुलकर बिखरा रंग,
तुम्हारी काजल लगी अलसाई आँखे,
माँग भरते समय तुम्हारी नाक पर बिखरा सिंदूर,
लज्जा से तुम्हारे कपोलों का रक्तिम हो जाना,
तुम्हारी रंग-बिरंगी चूड़ियों का कर्णप्रिय संगीत।
हाँ!..मेरी रंगभरी एकादशी तुमसे ही तो है।
@kataizaharila