बेनाम शायर💌✍️


Гео и язык канала: Индия, Хинди
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मेरे पोस्ट्स📩 एक नशे की तरह है
एक बार आदत पड़ गई
तो बिना पढ़े 📖 रह पाना मुश्किल होगा
इशारो इशारो में अपनी बातें रखने का दम रखता हूँ
मैं शायर📝 तो नही हूँ जनाब
मगर सीधा दिल💖 मे कदम रखता हूँ
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सुनो प्रिये...

पंचमहाभूत में विलीन होने से पहले एक बार तुम्हें गले लगाना चाहता हूं...
मेरे मोक्ष के सारे रास्ते तुम्हारे प्रेम से हो कर जाते हैं🧡🤎

@kataizaharila


कुछ इस तरह जुड़ गए..दिलों के धागे...!

मै यहां तुम वहाँ....दोनों आधे आधे...!! ❤️💞😍
@kataizaharila

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फूँक डालूँगा किसी रोज़ मैं दिल की दुनिया
ये तिरा ख़त तो नहीं है कि जिला भी न सकूँ 🥹❤️

@kataizaharila


कोई गर शिद्दत से चाहे तुम्हे
तो उसको संजो लेना...!!
ये टूटकर चाहने वाले जिंदगी मे ...
सिर्फ एक बार मिलते है...!
@kataizaharila


कोई कितना भी रंगो में रंग ले मुझे...
एक तेरा रंग जो चढा है, बांकि सब बेईमानी है...
संसार के रंग बहुत देखे, तारों से सजा अंबर देखा..
जो तेरे रंग का अहसास हुआ,सारा रंग मुझे फिका दिखा...
...❤...
@kataizaharila


कही गुलाल के हिस्से में कोई गाल नही
कही पे गाल की तकदीर में गुलाल नही

@kataizaharila


ग़मो की पर्त हटा कर हम अपने चेहरे से...
तेरे ख़याल से चेहरा गुलाल करते हैं...

आप सभी को होली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं 💐💐
@kataizaharila


अँखिया में समाके, सपना में तू सतावेलू
हर रंग में हमके सजनी, तू ही नज़र आवेलू 🫶🏻💕

@kataizaharila


सोने की पायल ना सही ❣️
चाँदी की ही ले आउंगा ❤
तुम पहन तो लोगी ना ❣️
अपने हाथों से पहनाउंगा 💖

#@kataizaharila


सुनो लड़कों..
तुम्हारी हर नज़र और नीयत की खबर एक लड़की को होती है...

इस बात को मुश्ताक़ अहमद यूसुफ़ी साहब ने भी अपने अंदाज़ में बहुत खूब लिखा है....

"जवान लड़की की एड़ी में भी आँखें होती हैं। वह चलती है तो उसे पता होता है कि पीछे कौन, कैसी नज़रों से देख रहा है !!"

#बाबा_बनारसी ©
#smile_please ©
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जब कॉलेज खत्म होने के बाद उससे मेरी आखिरी मुलाकात थी तब उसने कहा था:
"मेरी ख्वाहिश है कि तुम्हारी और मेरी मुलाकात एक रोज़ लाहौर की गलियों में हो"

उस दिन मैंने सोचा आखिर इसने ऐसा क्यू कहा मुझसे वो मुझसे लाहौर की गलियों में क्यू मिलना चाहती है,
मुझे लगा हो सकता अब वो लाहौर रहने जा रही हो?



आज कुछ पढ़ते हुए अचानक हमने मुश्ताक अहमद युसूफी साहब द्वारा लाहौर की गलियों के बारे में लिखा हुआ पढ़ा जिसमे उन्होंने फरमाया है कि -
"लाहौर की बाअ्ज़ गलियाँ इतनी तंग हैं कि अगर एक तरफ़ से औरत आ रही हो और दूसरी तरफ़ से मर्द तो दरमियान में सिर्फ़ निकाह की गुंजाइश बचती है।"

आज 6 साल बाद समझ आया कि वो मुझसे क्या कहना चाहती थी.....


बाबा_बनारसी ©
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होली विशेष

सब रंगो का सजदा है तेरे दरमियाँ
एक रंग वफ़ा का जो तुम घोल दो,
तो मन फागुन हो जाये!!


@kataizaharila


होली विशेष

ये फाल्गुन महीना और मेरे आँखों में नमी है
चलो तुम ही ठीक हो शायद मुझमें ही कमी है।

@kataizaharila


🎤 क्या है रिश्ता हमारा 🎼
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परख सको तो मोहब्बत का इक मिजाज हैं हम..!
कल इस तरह नहीं मिल पाएँगे जो आज हैं हम..!!

@kataizaharila


किसी एक का होकर जो ताउम्र रहे,
ऐसा प्रेमी, प्रेमी नही आराध्य होता है..!

@kataizaharila


🎤 पुरुष के प्रेम को 🎼
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सुनो पड़ोसन..
मैं जुगों जुगों से बंजर सा...तुम फागुन बनकर आ जाओ....
जमाने के झूठे रंग क्या देखूँ...अब अपने रंग में रंगा जाओ...

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🎤 प्रेम क्या है? 🎼
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तुम्हारे पैरों के आलते का धुलकर बिखरा रंग,
तुम्हारी काजल लगी अलसाई आँखे,
माँग भरते समय तुम्हारी नाक पर बिखरा सिंदूर,

लज्जा से तुम्हारे कपोलों का रक्तिम हो जाना,
तुम्हारी रंग-बिरंगी चूड़ियों का कर्णप्रिय संगीत।

हाँ!..मेरी रंगभरी एकादशी तुमसे ही तो है।

@kataizaharila

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