"जब मेरी मृत्यु होगी"
जब मेरी मृत्यु होगी,
तब तुम आओगे,
सफेद कपड़े पहने,
आंखों में आंसुओं का सागर लिए,
हृदय में पश्चाताप का ज्वार उठाते हुए।
तुम बोलोगे मेरे बारे में अच्छी-अच्छी बातें,
जिन्हें सुनकर मेरी आत्मा भी शायद मुस्कुरा दे।
तुम कहोगे,
"यह एक अच्छा इंसान था।
हमेशा दूसरों के लिए जीता था,
अपने दर्द को छुपाकर,
दूसरों के चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश करता था।"
पर मैं सोचूंगा,
क्या तुमने कभी उस दर्द को देखा,
जो मैंने अपनी आत्मा में छिपा रखा था?
क्या तुमने कभी मेरी चुप्पी में चीखें सुनी थीं?
जब मेरी मृत्यु होगी,
मेरे खून-पसीने से लिखे गए पन्ने
तुम्हारे हाथों में होंगे,
जिन्हें तुम पढ़ोगे और कहोगे,
"यह तो बेहद गहरी बात लिखता था।
शायद हम इसे समझ ही नहीं पाए।"
पर अब क्या फायदा?
अब जब मैं चला गया हूं,
तब तुम्हें मेरी कविताएं अमूल्य लगेंगी।
जब मेरी मृत्यु होगी,
तुम जला रहे होगे मेरी देह को,
उस राख को देखकर कहोगे,
"यही है इंसान का अंत।"
पर तुम शायद भूल जाओगे,
कि राख के कणों में भी मेरी भावनाएं हैं,
जो तुम्हारे दिल तक पहुंचना चाहती हैं।
तुम्हें याद आएगा,
कैसे मैंने हर मुश्किल को हंसते-हंसते सहा,
कैसे मैंने अपनों की खुशी के लिए
अपनी इच्छाओं को जलाया।
तुम कहोगे,
"काश, हमने उसे समझा होता।
काश, हमने उसके दर्द को बांटा होता।"
पर ये सब "काश" अब व्यर्थ है।
जब मेरी मृत्यु होगी,
तो कुछ लोग शायद मेरे नाम को भुला देंगे,
मेरे द्वारा किए गए कार्यों को
एक धुंधली याद बना देंगे।
पर मेरी आत्मा,
उन अनसुने शब्दों के साथ
तुम्हारे आस-पास मंडराएगी।
तुम कहोगे,
"वो तो बहादुर था,
वो हार मानने वालों में से नहीं था।
उसने हर हाल में जिंदगी जी।"
पर तुम्हें पता नहीं,
मेरे भीतर कितना संघर्ष था,
कितना अकेलापन था।
जब मेरी मृत्यु होगी,
तब शायद कोई बच्चा,
मेरी लिखी कविता को पढ़कर
प्रेरणा लेगा।
शायद मेरी बातें किसी के जीवन में
नया प्रकाश लाएंगी।
पर मैं वहां नहीं होऊंगा,
उस मुस्कान को देखने के लिए।
तुम्हारी बातों में सच्चाई होगी,
पर वो अधूरी होगी।
तुम जानोगे मेरा नाम,
पर शायद कभी नहीं जान पाओगे
मेरी कहानी।
तुम कहोगे,
"काश, हमने उसे समय दिया होता।
काश, हमने उसके साथ
उसकी खामोशी के दर्द को साझा किया होता।"
पर ये "काश" मेरे जाने के बाद
बस एक पछतावा बनकर रह जाएगा।
जब मेरी मृत्यु होगी,
मैं उम्मीद करता हूं,
कि मेरी कविताएं और मेरे शब्द,
तुम्हें एक नए रास्ते पर ले जाएं।
मैं चाहता हूं,
कि तुम उस समय को पहचानो,
जो अभी तुम्हारे पास है।
तुम अपने आस-पास के
हर दर्द को महसूस करो,
हर मुस्कान को सहेजो।
क्योंकि जब मेरी मृत्यु होगी,
तो यह सब बातें
तुम्हारे लिए
बस एक कहानी बनकर रह जाएंगी।
पर शायद,
तुम उस कहानी में
अपनी सच्चाई खोज पाओ।
मेरा अंत केवल एक शुरुआत होगी।
मेरी राख के कण,
हवा में उड़ते हुए,
तुम्हारे दिल तक पहुंचेंगे,
तुमसे कहेंगे,
"जियो, हंसो, और समझो।
क्योंकि जीवन का हर पल अनमोल है।"
जब मेरी मृत्यु होगी,
तब शायद तुम्हें एहसास होगा,
कि मेरी जिंदगी
सिर्फ मेरा नहीं,
हम सबका प्रतिबिंब थी।
@kataizaharila