बेनाम शायर💌✍️


Гео и язык канала: Индия, Хинди
Категория: не указана


मेरे पोस्ट्स📩 एक नशे की तरह है
एक बार आदत पड़ गई
तो बिना पढ़े 📖 रह पाना मुश्किल होगा
इशारो इशारो में अपनी बातें रखने का दम रखता हूँ
मैं शायर📝 तो नही हूँ जनाब
मगर सीधा दिल💖 मे कदम रखता हूँ
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Индия, Хинди
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मुहब्बत से जो बिछड़ी वो वफ़ायें शोर करती हैं,
किसी के हिस्से की सारी दुआयें शोर करती हैं,

लहरें खामोश बैठी हैं समन्द्र के किनारे पर,
और ये बेचैन सी पागल हवायें शोर करती हैं,

मुद्दत हुई मुझको दुनिया की महफ़िलें छोड़े,
पर कम्बख्त अब भी यादों की सदायें शोर करती हैं!

@kataizaharila


जी मेँ आता हैँ कि इक बार तो चीखूँ ऐसे ,
सारी दुनिया को खबर हो कि मैंनें तुझे खोया हैँ !!

@kataizaharila

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तुम शायर की मुहब्बत हो साहिबा

ज़िंदा रहोगी हमेशा लफ़्ज़ों में

@kataizaharila


एक तो तेरी नजरों की छुअन दूजी फागुन की तरंग

रोम-रोम में दौड़ी सिहरन,ज्यों प्रेम रंग लगने लगा अंग

@kataizaharila


पता है मुझे ये इश्क़ हमारा, मुकम्मल होगा नहीं
पर ये इश्क़ तुमसे था तो किसी और से होगा नहीं

अकेला था मैं, शायद अकेला ही रह जाऊंगा अब
यादों में तुम हो तो अब साथ कोई और होगा नहीं

हकीक़त ये है कि अब जीना होगा तेरे बगैर, पर
डर ख्यालों का है कि गुज़ारा तेरे बगैर होगा नहीं राही

यकीन मानो कोशिशें लाख की तुम्हें भुलाने की पर
कैसे कहूँ कि इन अश्कों में तू नज़र आया होगा नहीं राही

बेश -बहा है बहुत ये मोहब्बत, ये नाता हमारा कि
तू अब अपना नहीं, तो पराया भी कभी होगा नहीं राही

इश्क़ के बखान में तो कई गजलें लिखी 'राही
पर इश्क़ का दर्द तो तुमने कभी लिखा होगा नहीं

@kataizaharila


गुलाब से चेहरे पर गुलाल की लाली
जुल्फों के गुलाब ने जान ही ले डाली
दिल धड़क रहा है ये नज़ारा देख कर माही
शरमा कर उसने जो पलकें झुका डाली

@kataizaharila


आ गई है होली.. अब तुम भी वापस.. आ जाओ न..
रंगों के त्योहार में.. साथ मेरे.. तुम भी मुस्कुराओ न..
सुरज की किरणें.. चमक रही हैं.. लाल गुलाबी होकर..
इन रंगबिरंगी फिज़ाओं में.. तुम भी खो जाओ न..
आ जाओ कि.. प्यार के रंगों से सजा लें.. हम अपनी भी जिंदगी..
रंगों के इस मौसम में.. झूमकर तुम भी.. सारे ग़म भुला दो न..
दोस्त बन कर.. गले लग जाते हैं.. आज के दिन तो दुश्मन भी..
भुल कर तुम भी.. सभी शिकवे शिकायतें..
फिर एक बार.. मेरे दिल से.. अपना दिल मिला लो न..
सुनो... आ गई है होली.. अब तो वापस आ जाओ न...!!

(Happy Holi in advance all of you 💕)
@kataizaharila


तुम किस्सा बन खत्म हो गए
मैं कहानी बन चलती रही
तुम बन दरख़्त स्थिर हो गए
मैं बन हवा बहती ही रही

तुम झील की तरह ठहरे रहे
मैं नदी की तरह बहती रही
तुम सूरज की तरह तपते रहे
मैं बन चांद शीतल ही रही

तुम निर्भाव सूखे से बने रहे
मैं बन बारिश बरसती ही रही
तुम भाव की तरह बदलते ही रहे
मैं प्यार की तरह बढ़ती ही रही

तुम शायद जिंदगी से आहत ही रहे
मैं जिंदगी में जिंदगी जीती रही
तुम बस पुरुष थे इसलिए निराकार रहे
मैं स्त्री बन एकाकार होती ही रही

तुम पूर्ण होकर भी अपूर्ण ही रहे
मैं तुम्हारे पीछे होकर भी पूर्ण ही रही
फिर तुम बन महादेव इष्ट हुए
मैं बन भस्म तुम पर चढ़ती ही रही

@kataizaharila




वो रूह है मेरे जिस्म से जुदा हो नही सकता
वो बहता है मुझमें सांस सा के गुमशुदा हो नही सकता
हो तो सकता है उसके एक इशारे से मेरा फैसला
वो राय मेरे हक मे बक्शे ऐसा मेरा खुदा हो नही सकता
वो आशिक वो बेवफा वो शायर कमाल का है
मगर हर शायर हो आशिक और बेवफा हो नही सकता
वो लिखते लिखते ना जाने क्यों रो सा देता है
दर्द तो मुझे भी है उससे ज्यादा मगर हो नही सकता
ना जाने उसे कौन सा फर्ज निभाना था
ना जाने उसे कौन सा कर्ज चुकाना था
मेने कहा दो पल रुको मेरी बात तो सुनना
उसने बस इतना कहा के हो नही सकता हो नही सकता
❤️❤️❤️❤️

@kataizaharila


इस नाज़ुक दिल को पत्थर बनाकर, एकाकी जीवन अपना लूंगा,
जो दे रही है ख्वाबों में भी ज़ख्म, उस मोहब्बत को दफना दूंगा..


@kataizaharila


बाद मुद्दत के तुम आए हों तो बैठो भी जरा
काम आँखों को मिला है कितनी बेकरारी के बाद

@kataizaharila


तुम्हारे सवालों के जवाब,
किसी सस्ते शराबखाने की मेज़ पर पड़े रहते हैं,
अधखाली गिलास की तरह—
जिसे कोई उठाना नहीं चाहता।

मैंने कोशिश की थी उन्हें पी जाने की,
मगर घूंट-घूंट में घुला था
एक उदास शहर का ज़हर।

अब सवाल भी थक चुके हैं,
और मैं भी।
बस रात का इंतज़ार है,
जहाँ अंधेरा कोई जवाब नहीं माँगता।

@kataizaharila


सुनो पड़ोसन...
कड़क चाय के रंग जैसी रंगत है, तुम्हारे गालों की...जीवन की हर सुबह इनकी चुस्कियों के साथ दिन की शुरुआत करना चाहता हूं ।

@kataizaharila


इस छल की माया नगरी में, मैं विपरीत दिशा में बहता हूं,
कोई कुछ भी सोचे परवाह नहीं, मैं अपनी धुन में रहता हूं..
@kataizaharila

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In english they say “overthinking”
But in poetry we say—-
तुम्हारे छोड़े हुए सवालों के जवाब ढूँढते ढूँढते जब थक जाते हैं
तो कहीं किसी कोने में दुबक कर छुप जाने की कोशिश करते हैं
फिर कोशिश नाकाम सी लगती है और तब हम तकिये से लिपट कर रोते हैं 🫂

@kataizaharila

—-Devanshi—


यह तेरा हुस्न और ये अदाएं तेरी,
मर जाते हैं इन्हें देख मुहल्ले के सारे आशिक तेरे।

@kataizaharila


एक उम्र लगती है जज़्बातों को अल्फ़ाज़ देने में,
फ़क़त दिल टूट जाने से कोई शायर नहीं बनता।

@kataizaharila


मन करता है,
तुम्हे एक रोमांटिक सी रिस्पेक्ट दूँ...
तुम्हें "आप" कह के बुलाऊँ...
तुम्हारे आवाज देने पर "जी" का जबाव दूँ...
मन करता है,
सांझ ढले..साथ तुम्हारे..समुन्दर के किनारे...
डूबते सूरज पे बैठकर तुम्हें आसमानों की सैर कराऊँ...
मन करता है,
आसमान से चाँद तोड़कर, तेरे माथे पे टिका दूँ...
सितारों को तेरी जुल्फों में उलझा दूँ...
और रात को तेरी आँख का काजल बना दूँ...
मन करता है,
तेरे हर दर्द को अपना बना लूं...
तेरी आँख के हर आंसू को चुरा लूं...
तेरे होंठों पे मुस्कराहटों को सजा दूँ...
खुशियों को तेरे दर का पहरेदार बना दूँ...
मन करता है,
तुम्हें..
हां तुम्हें..
सिर्फ अपना बना लूं..।

@kataizaharila


झुमका मेरा खो गया बाजार की भीड़ में ,

जैसे तू खो गया मेरी तक़दीर की लकीर में...❤️🌻

पड़ोसन की कलम से

@kataizaharila

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