शीर्षक - घोंचू
एक दिन सुबह सुबह गुरुदेव ने लतिया के नागपाशा को नींद से जगाया।
गुरुदेव - अरे उठ। कब तक सोएगा ?
नागपाशा - लाकडाउन है गुरुदेव। उठ के भी क्या करूंगा।
गुरुदेव - जो त्रिफना तुझसे नागराज ने छीन ली थी, वो वापस लाएंगे।
त्रिफना की बात सुनते ही नागपाशा उछल के खड़ा हो गया। और ऐसा होते ही उसकी इकलौती गमछी जो वो हमेशा पहने रहता है, सरक के नीचे आ गयी।
गुरुदेव (अपनी आंख बंद करते हुए) - छी। जल्दी से गमछा लपेट।
नागपाशा - सॉरी गुरुदेव, वो गलती से गलती हो गयी।
चटाक।चटाक।चटाक।
जैसे ही नागपाशा ने अपना गमछा टाइट किया वैसे ही गुरुदेव में उसे एक जोर का तमाचा मारा - नामुराद। अगली बार तेरा गमछा सरका, तो सच कहता हूं, मार मार के तेरा तेरा गमछा फाड़ दूंगा। अब चल।
नागपाशा - कहां गुरुदेव।
गुरुदेव - अतीत में।
नागपाशा - अतीत में तो ध्रुव था ना। अपना दुश्मन तो नागराज है। फिर आप उस पीले फफूंदी के पीछे क्यों पड़े हो ?
चटाक। गुरुदेव ने एक और चपेट धर दी उसे।
गुरुदेव - अरे गधे। कॉमिक्स अतीत में नहीं। असली के अतीत में। 50000 साल पीछे।
नागपाशा - इतना पीछे क्यों ? त्रिफना तो नागराज के पास होगा न?
गुरुदेव - पता नहीं।
नागपाशा - जब पता नही तो अतीत में क्यों जा रहे हो गुरुदेव ?
चटाक ।
गुरुदेव - नालायक। त्रिफना अतीत में पहली बार जिस मानव के हाथ लगी थी, हम उसके पास जा रहे है। वो एक आम मानव है। उससे त्रिफना छीनना आसान होगा।
नागपाशा - ओ ऐसा है तो सीधे सीधे बता देते ना आप। बेकार में मैंने आपसे इतना सवाल किया।
गुरुदेव ने परेशान होकर अपना सर पकड़ लिया।
नागपाशा - सर मत पकड़ो गुरुदेव। अब चेला मुझ जैसे बैल दिमाग को बनाया है तो भुगतना तो तुम्हें ही पड़ेगा। वैसे हम अतीत में जाएंगे कैसे?
गुरुदेव - एक चुम्बकीय यंत्र से।
नागपाशा - कैसे।
गुरुदेव - मैंने इस यंत्र को त्रिफना की शक्ति से बनाया था। इसलिए कि कभी त्रिफना हमसे चोरी हो जाये या कोई उसे हमसे छीन ले तो बाद में हम इस यंत्र की सहायता से सीधे त्रिफना के पास पहुंच जाए।
नागपाशा - ओ ओ ओ ओ। पर गुरुदेव ऐसा है तो हमे अतीत में जाने की क्या जरूरत है? वर्तमान वाली त्रिफना जहां है वही से इस यंत्र की सहायता से जाकर उसे ले आते है।
चटाक।
गुरुदेव - अरे नालायक। वर्तमान में उसकी सुरक्षा पता नही कैसे कैसे शक्तिशाली नाग कर रहे होंगे, और अतीत में वो एक आम मानव के पास है, तो अतीत में जाना ज्यादा सही होगा न घोंचू ।
नागपाशा - बात तो सही कही आपने गुरुदेव। पर हमरा एक ठु सवाल है।
गुरुदेव - पूछ।
नागपाशा - जब आप ऐसा यंत्र बना सकते थे जिसकी मदद से हम चुम्बक की तरह खींच कर त्रिफना के पास पहुँच सकते है, तो अपने ऐसा यंत्र क्यों नही बनाया जिससे कि वो त्रिफना चुम्बक की तरह खिंच कर अपने आप हमारे पास आ जाये।
गुरुदेव चुप। उन्हें एकदम से सांप सूंघ गया था।
नागपाशा - खिखिखि। हमेशा मुझे घोंचू कहते हो आप, लेकिन जो घोंचूपना आपने किया उससे आज साबित हो गया कि आपसे बड़ा घोंचू इस दुनिया मे और कोई नहीं।
हिहिहि। समाप्त। क्रमशःहिहिहि। समाप्त। क्रमशःहिहिहि। समाप्त। क्रमशः
ℐᝪⅈℕ ➠ @ComicsJunction
एक दिन सुबह सुबह गुरुदेव ने लतिया के नागपाशा को नींद से जगाया।
गुरुदेव - अरे उठ। कब तक सोएगा ?
नागपाशा - लाकडाउन है गुरुदेव। उठ के भी क्या करूंगा।
गुरुदेव - जो त्रिफना तुझसे नागराज ने छीन ली थी, वो वापस लाएंगे।
त्रिफना की बात सुनते ही नागपाशा उछल के खड़ा हो गया। और ऐसा होते ही उसकी इकलौती गमछी जो वो हमेशा पहने रहता है, सरक के नीचे आ गयी।
गुरुदेव (अपनी आंख बंद करते हुए) - छी। जल्दी से गमछा लपेट।
नागपाशा - सॉरी गुरुदेव, वो गलती से गलती हो गयी।
चटाक।चटाक।चटाक।
जैसे ही नागपाशा ने अपना गमछा टाइट किया वैसे ही गुरुदेव में उसे एक जोर का तमाचा मारा - नामुराद। अगली बार तेरा गमछा सरका, तो सच कहता हूं, मार मार के तेरा तेरा गमछा फाड़ दूंगा। अब चल।
नागपाशा - कहां गुरुदेव।
गुरुदेव - अतीत में।
नागपाशा - अतीत में तो ध्रुव था ना। अपना दुश्मन तो नागराज है। फिर आप उस पीले फफूंदी के पीछे क्यों पड़े हो ?
चटाक। गुरुदेव ने एक और चपेट धर दी उसे।
गुरुदेव - अरे गधे। कॉमिक्स अतीत में नहीं। असली के अतीत में। 50000 साल पीछे।
नागपाशा - इतना पीछे क्यों ? त्रिफना तो नागराज के पास होगा न?
गुरुदेव - पता नहीं।
नागपाशा - जब पता नही तो अतीत में क्यों जा रहे हो गुरुदेव ?
चटाक ।
गुरुदेव - नालायक। त्रिफना अतीत में पहली बार जिस मानव के हाथ लगी थी, हम उसके पास जा रहे है। वो एक आम मानव है। उससे त्रिफना छीनना आसान होगा।
नागपाशा - ओ ऐसा है तो सीधे सीधे बता देते ना आप। बेकार में मैंने आपसे इतना सवाल किया।
गुरुदेव ने परेशान होकर अपना सर पकड़ लिया।
नागपाशा - सर मत पकड़ो गुरुदेव। अब चेला मुझ जैसे बैल दिमाग को बनाया है तो भुगतना तो तुम्हें ही पड़ेगा। वैसे हम अतीत में जाएंगे कैसे?
गुरुदेव - एक चुम्बकीय यंत्र से।
नागपाशा - कैसे।
गुरुदेव - मैंने इस यंत्र को त्रिफना की शक्ति से बनाया था। इसलिए कि कभी त्रिफना हमसे चोरी हो जाये या कोई उसे हमसे छीन ले तो बाद में हम इस यंत्र की सहायता से सीधे त्रिफना के पास पहुंच जाए।
नागपाशा - ओ ओ ओ ओ। पर गुरुदेव ऐसा है तो हमे अतीत में जाने की क्या जरूरत है? वर्तमान वाली त्रिफना जहां है वही से इस यंत्र की सहायता से जाकर उसे ले आते है।
चटाक।
गुरुदेव - अरे नालायक। वर्तमान में उसकी सुरक्षा पता नही कैसे कैसे शक्तिशाली नाग कर रहे होंगे, और अतीत में वो एक आम मानव के पास है, तो अतीत में जाना ज्यादा सही होगा न घोंचू ।
नागपाशा - बात तो सही कही आपने गुरुदेव। पर हमरा एक ठु सवाल है।
गुरुदेव - पूछ।
नागपाशा - जब आप ऐसा यंत्र बना सकते थे जिसकी मदद से हम चुम्बक की तरह खींच कर त्रिफना के पास पहुँच सकते है, तो अपने ऐसा यंत्र क्यों नही बनाया जिससे कि वो त्रिफना चुम्बक की तरह खिंच कर अपने आप हमारे पास आ जाये।
गुरुदेव चुप। उन्हें एकदम से सांप सूंघ गया था।
नागपाशा - खिखिखि। हमेशा मुझे घोंचू कहते हो आप, लेकिन जो घोंचूपना आपने किया उससे आज साबित हो गया कि आपसे बड़ा घोंचू इस दुनिया मे और कोई नहीं।
हिहिहि। समाप्त। क्रमशःहिहिहि। समाप्त। क्रमशःहिहिहि। समाप्त। क्रमशः
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