एक बार श्रीकृष्ण एक भक्त के घर स्वयं पधारे।भक्त से कृष्ण ने पूछा ये घर किसका है? भक्त :" प्रभू आपका"
श्रीकृष्ण : "ये गाड़ी किसकी है?" भक्त : "आपकी" फिर श्रीकृष्ण ने हर एक वस्तु के बारे में पूछा। भक्त का एक ही उतर मिलता 'आपकी'। यहाँ तक घर के सभी सदस्य के लिए भी पूछा भक्त का फिर वही जबाब 'आपके'। पूछा तेरा शरीर किसका? भक्त : "आपका"
फिर घर के पूजा स्थान पर जाकर श्रीकृष्ण जी अपनी तस्वीर की ओर इशारा करते हुये पूछते हैं ये किसकी है? अब भक्त की भक्ति की पराकाष्ठा देखिये ....भक्त आँखों में आँसू लिए बोला सिर्फ ये ही मेरे हैं बाकि सब आपका भगवान्।
तन भी तेरा, मन भी तेरा, तेरा पिंड और प्राण। प्रभु सब कुछ तेरा है...बस एक तू ही मेरा है।
राधे-राधे जय श्रीकृष्ण
श्रीकृष्ण : "ये गाड़ी किसकी है?" भक्त : "आपकी" फिर श्रीकृष्ण ने हर एक वस्तु के बारे में पूछा। भक्त का एक ही उतर मिलता 'आपकी'। यहाँ तक घर के सभी सदस्य के लिए भी पूछा भक्त का फिर वही जबाब 'आपके'। पूछा तेरा शरीर किसका? भक्त : "आपका"
फिर घर के पूजा स्थान पर जाकर श्रीकृष्ण जी अपनी तस्वीर की ओर इशारा करते हुये पूछते हैं ये किसकी है? अब भक्त की भक्ति की पराकाष्ठा देखिये ....भक्त आँखों में आँसू लिए बोला सिर्फ ये ही मेरे हैं बाकि सब आपका भगवान्।
तन भी तेरा, मन भी तेरा, तेरा पिंड और प्राण। प्रभु सब कुछ तेरा है...बस एक तू ही मेरा है।
राधे-राधे जय श्रीकृष्ण