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मैंने उसे कभी नहीं कहा-मुझे
तुमसे प्रेम है पर वो समझ गई,
मैंने कभी नहीं कहा कि-तबियत कुछ
ठीक नहीं है, फिर भी वो समझ गई,
मैंने कभी पैसे के आभाव का जिक्र
नहीं किया, पर वह समझ लेती है,
"प्रेम" मौन के तले दबे हुए
भाव को समझने का माध्यम है..!!
- हर्षित त्रिपाठी